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लेखनी प्रतियोगिता-मेरी डायरी-19-May-2023

📙📘📗मेरी डायरी📗📘📙

📖📖📖📖📖📖📖📖📖

मैं अनमोल हूं
बोल नही सकती
लेकिन बहुत बोल छुपा रक्खे हैं
दिन भर का रोजनामचा छुपा रक्खा हैं 

पुरानी यादों को सहेजे हैं
दुःख सुख सभी भरे हैं
रात को मेरे बिना नींद नहीं
मेरे में अंतरंग क्षण का छुपाव हैं

फुर्सत में मैं बेस्ट सखी हूं
मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं
मेरा कोई सानी नहीं
मैं कभी बूढ़ी नहीं हो सकती

मैं प्रेरणा हूं
मैं जागता सपना हूं
मैं अपने आप में अनमोल हूं
मेरे दिल का कोई मोल नहीं

मुझे चुरा कर किसी को दुःख
और किसी को खुशी मिलती हैं
नित मुझमें रंग भरे बगैर चैन नहीं
मैं प्रेरणा देकर आनंदित होती हूं।

'मेरी डायरी' कि अभिलाषा है
सदैव विजय कि डायरी बनी रहे।।

✍️ विजय पोखरणा "यस"
💐💐🙏 HBU EXTN, 
AJMER (Raj)
9530399703         
Director of Modulus Academy
Committed towards excellent education and Consultant for Higher study in Abroad at renowned foreign universities and colleges 🙏💐💐

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8 Comments

Punam verma

20-May-2023 09:22 PM

Very nice

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madhura

20-May-2023 04:48 PM

beautiful poem

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shahil khan

20-May-2023 09:55 AM

बहुत खूब

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VIJAY POKHARNA "यस"

20-May-2023 11:37 AM

Thanks 🙏

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